प्यार की पहली सीढ़ी..... (part 2)
आज मैं घर जा रही हूं लेकिन मैं उनको ढूंढ रही थी पर पता नहीं वह कहां गए मुझे पूरे घर में नहीं मिले छत में ढूंढ ली सब जगह ढूंढ ले पर वह मुझे नहीं मिले.... मैंने पूछा किसी से तो मुझे पता चला कि वह तो सब भाइयों के साथ घूमने गए हैं । मुझे बहुत रोना आ रहा था मैं जाते-जाते रोने लगी पता नहीं क्यों मेरा जाने का मन नहीं हो रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कुछ छोड़ कर जा रही हूं...... मैं घर आ चुकी थी मुझे घर में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था ऐसा लग रहा था कि काश मैं एक बार और उन्हें देख लेती। मेरी मौसी ने हम सब का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, उस व्हाट्सएप ग्रुप में हम सारे लोग जुड़े हुए थे और वह भी जुड़े हुए थे उन्होंने मेरी उसमें फोटो भेजी और नीचे उसमें लिखा कि यह सबसे सुंदर फोटो है। वीडियो कॉल में हम सब थे और मैं उनसे लड़ रही थी कि आप मुझसे मिले नहीं थे, तो उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा दोस्तों के साथ घूमने चला गया था नहीं मिल पाया। अब मैं बिल्कुल नॉर्मल हो चुकी थी मैं अपने घर में अपने काम में मगन हो गई थी। फिर एक दिन मुझे एक अननोन नंबर से मैसेज आया और उसमें लिखा था कि ये मेरा नंबर है, समझ नहीं...